Aap jaisa koi Review: जब पर्दे पर बोली गई महिला इच्छाओं की अनकही कहानी

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भारतीय सिनेमा में महिला किरदारों को अक्सर त्याग, सहनशीलता और पारिवारिक मर्यादाओं के दायरे में सीमित किया जाता रहा है। परंतु Aap jaisa koi Review”, आर. माधवन और फातिमा सना शेख की मुख्य भूमिका वाली यह नई फिल्म, इन सीमाओं को तोड़ती है। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि महिला यौनिकता पर वर्षों से चुप रही समाज की ज़ुबान खोलने की कोशिश है।


Aap jaisa koi

कहानी की परतें: एक महिला की आत्म-खोज

Aap jaisa koi फिल्म की नायिका (फातिमा सना शेख) एक मध्यमवर्गीय, शिक्षित लेकिन अंदर से कुंठित महिला है, जो समाज और परिवार की उम्मीदों के बीच खुद की असली इच्छाओं को पहचानने की कोशिश कर रही है। उसका जीवन बाहर से सामान्य लगता है – पति, बच्चा, नौकरी – लेकिन भीतर एक खालीपन है जिसे वह खुद भी ठीक से समझ नहीं पाती।

एक दिन उसकी मुलाकात होती है एक परिपक्व, समझदार और सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति (आर. माधवन) से, जो न केवल उसकी बातें सुनता है बल्कि उसे उसकी इच्छाओं को स्वीकार करने का साहस भी देता है। कहानी में कोई जबरदस्ती नहीं, कोई मेलोड्रामा नहीं, बल्कि एक धीमी, सोचने पर मजबूर कर देने वाली यात्रा है – अपने शरीर और आत्मा को स्वीकारने की।


महिला यौनिकता: चुप्पी से संवाद तक

Aap jaisa koi फिल्म का सबसे सशक्त पहलू यह है कि यह महिला यौन इच्छा को “गिल्ट” या “विलेनाइज़” करने की बजाय उसे सामान्य, मानवीय और ज़रूरी प्रक्रिया के रूप में दिखाती है। फातिमा का किरदार यह बताता है कि एक महिला की इच्छाएं केवल पुरुष के लिए नहीं होतीं, न ही वे केवल शादी या मातृत्व से परिभाषित होती हैं।

यह सिनेमा में दुर्लभ है – और ज़रूरी भी – कि महिला पात्र बिना किसी नैतिक जजमेंट के अपनी देह, चाह और संकोच को व्यक्त कर पाए।


Aap jaisa koi
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अभिनय और निर्देशन: परिपक्वता का परिचय

  • फातिमा सना शेख ने जिस संवेदनशीलता से अपने किरदार के अंदरूनी संघर्ष को निभाया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। उनका चेहरा अक्सर कुछ कहे बिना भी बहुत कुछ कह जाता है।
  • आर. माधवन इस तरह के किरदारों में हमेशा गहराई लेकर आते हैं। उनका किरदार फिल्म में सहायक है, लेकिन छाया नहीं बनता – यही संतुलन फिल्म को संजीदा बनाए रखता है।
  • निर्देशक कनिष्ठा चंद्रा ने बेहद संतुलन के साथ इस विषय को छुआ है। कोई सनसनी नहीं, कोई अश्लीलता नहीं – सिर्फ एक सहज, संवेदनशील प्रस्तुति।

क्या यह फिल्म हर दर्शक के लिए है?

शायद नहीं। जो दर्शक मनोरंजन के नाम पर केवल मसाला, कॉमेडी या थ्रिल ढूंढ़ते हैं, उन्हें यह फिल्म धीमी, विचारशील और “बोल्ड” लग सकती है। लेकिन यदि आप सिनेमा को एक सोचने और महसूस करने का माध्यम मानते हैं, तो यह फिल्म आपको छू जाएगी।


अंतिम विचार: क्यों देखें “Aap jaisa koi”?

  • यदि आप महिला यौनिकता पर खुलकर बात होते देखना चाहते हैं।
  • यदि आप बिना शोरगुल के संवेदनशील विषयों पर बनी अच्छी फिल्में पसंद करते हैं।
  • यदि आप एक महिला किरदार की आत्म-खोज की ईमानदार कहानी देखना चाहते हैं।

रेटिंग: ★★★★☆ (4/5)


Aap jaisa koi एक ऐसी कहानी है जो आपको असहज कर सकती है, सोचने पर मजबूर कर सकती है – और शायद यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।

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